तलब है कई लोगो को
शराब और सुट्टे की,
हम तो उनमें से है
जिनको तलब होती है,
सिर्फ चाय और उसके खुशबू की…
घूम घूम कर बात आई
चाय पियोगे के कॉफी,
इश्क़ का मौसम है फिलहाल चाय,
किसी और दिन पिएंगे कॉफी…
ऐसा नहीं है के
सिर्फ शराब ही सच बाहर लाता है
प्यारी सी चाय पे मुलाकात
सारा दिल खोल देता है…
चूम जब ले होंठ मेरे
दिल सुकून-ए -राहत पाता है,
ये जायका है चाय का
इसका अपना मजा होता है…
ना चाह रही शराब की,
ना रही उस शक्स से मोहब्बत कोई,
चाय काफी है इस वक्त,
शायद वही है इस पल सही…

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