है दोस्ती ज़रूरी
हर एक को यहां
इश्क़ की नाव छूटे अगर
दोस्ती की सफ़ीना है यहां…
बात होनी जरूरी है
अकेले में सिमटती तन्हाई है
इश्क़ हर एक के बस में नहीं होता
तब सिर्फ दोस्ती ही साथ होती है…
नासमझी में अक्सर
रिश्ते टूट जाया करते है,
दोस्ती की तो उम्र
ही बचपन की है
वो तो नासमझी में भी
अपनाया करती है…
खिलाफ़ हो जाते है खयाल अपने
तब राह भी सुनी पड़ती है
जब आस दिखे रोशनी की,
यारों वो दोस्ती की पुकार होती है…
प्यार एक तरफ़
दोस्ती एक तरफ़
दोनो अलग है मानता हूं मै,
जिंदगी है एक तरफ
उसकी सांसें है एक तरफ…

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