रुखसार चूम के तेरा
लबों को तेरी राहत दूं
रूह को करीब रख कर
जिस्म को तेरे राहत दूं…
तू इश्क उठा कांधे पर
मै मोहब्बत सवार लूंगा
प्यार की वसीयत पर
तेरे नाम की मोहर लगा दूंगा…
उसकी गोद में
एक सुकून सा पाऊ
दिल के पास रहू
भले ही खो जाऊं…
सबसे बेहतरीन तेरी मुस्कान है
उसपे फिदा मेरे दिल-ओ-जान है
तू कभी अलग कैसे होगी मुझसे
मै और तुम तो सदियों से एकसाथ है…
तुम हो सियाही मेरे हर लफ्ज़ की
जिसका रंग वाकई कमाल है!
आपकी सादगी का भी रंग
इश्क़ सा बेमिसाल है…

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