मेरी रूह तेरा जहन है
मेरे लफ़्ज़ तेरे अरमान है
ये फासला नहीं, सिर्फ दूरी समझता हूं
मेरी लिखावट जो तेरी पहचान है…
वो शाम ग़ज़ब होगी
जब मुलाक़ात होगी
हर नजर तेज़ और
हर सांस लाज़वाब होगी…
गुरूर हो घमंड हो मेरा
इश्क नहीं सिर्फ़, कलम हो मेरा
अल्फ़ाज़ का लिबाज़ पहने रूह पर मेरी
तुम्ही ने कहा था,
तुम पर लिखना शौक है मेरा…
मतलब नहीं जानता
फायदा नहीं जानता
तू इश्क है मेरा
कुछ और नहीं जानता…
दुआ हमेशा करूंगा
तेरी बातें हमेशा करूंगा
तू रहे सलामत मेरे साथ
ये दुआ हमेशा पढूंगा…

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