एक एहसास रूबरू
करा दिया आपने
ठंडे दिल को आह से
मिला दिया आपने
मन की देहलीज लांग कर!
इस दिल को
अपना बना लिया आपने…
इश्क सी एक लड़की
उसकी आंखें कहकशा
पूरा समा जाऊं मैं उसमें
एक अलग है वो जहां…
रोज ना देख सकता
हूँ सूरत तेरी,
शुक्र इस बात का है!
मेरी लिखावट
बन गई है अब सूरत तेरी…
भर जाती है डायरी मेरी
सिर्फ तेरी बातें लिख लिख कर,
नाराज़ भी नहीं होती तुमसे
उसे इश्क जो है तुम पर…
होश भी गुम कर लू
बेहोश सा हो जाऊ मैं,
तेरा फितूर चढ़ा लू
या, तेरा हो जाऊ मैं…

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