गिली बरसात की बूंदे
बदन पर जब पड़े,
तेरे बाहों में रहना
याद आ गया मुझे…
सोहबत जब जब लगी
तू हर वक्त हाज़िर थी मेरे लिए
मै भी हूं तेरे संग हमेशा
साथ रहूंगा हर हालात में तेरे लिए…
डिंपल पड़ते है जो गाल पर तेरे
कसम से दिल फिदा हो जाता है
उस हसी से जब तू देखती है मुझको
पूरा समा इश्क में खो जाता है…
इशारों को इशारों ने
कुछ ऐसा इशारा किया!
नज़रें झुकी हया से
और दिल में प्यार भर गया…
तूने दिया है नाम मुझे
तुझे कैसे भुल जाऊंगा,
तुझसे ही इश्क निभाया है
तेरे संग ही ज़िन्दगी बिताऊंगा…

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