लब से लब लगादो
अपनी जुल्फें जरा बिखरा दो
खो जाओ इस कदर अब के,
रूह को भी शामिल करा दो…
लब से लब लगादो
अपनी जुल्फें जरा बिखरा दो
खो जाओ इस कदर अब के,
रूह को भी शामिल करा दो…
नरम है दिल तेरा
जैसे तकिए में रुई हो
तेरी बाहें है तकिया मेरा
और मेरा जिस्म उसकी रूई हो…
तुम खट्टी मीठी गोली की तरह हो
ना जाने कितने जायके भरे हो
हर दफा नया रंग चाहत का
अपने आप में एक अलग ढंग हो…
एक तरफ है धुआ
एक तरफ है कोहरा
इश्क का असर अनोखा
इश्क का रंग है गहरा…

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