तू मोम सी नरम है
तू तो प्यार की शरम है
तू एक गुल खिला हुआ
तू एक मीठी सी नज़्म है…
जुल्फो की नमी तेरे
तेरा एहसास हवा में महकता है
तू एक खुशबू हो शायद
जिसका असर दिल से
दिमाग तक रहता है…
तू शायरा बन जा
मुझ पर थोड़ी रहमत हो जायेगी
इश्क के लफ्जो की,
मोहब्बत के अल्फाजो से
नाजुक सी डोर बंध जायेगी…
तू दाद दे मुझे
मै वाह! वाह! करूंगा
मिसाल दूंगा जब अपनी
मुशायरा लूट लूंगा…
प्यार करू तो तेरे लफ्ज़ से करूंगा
मेरे दिल में छपी तेरी तस्वीर से करूंगा
तू खो जाया कर खुदमे ही
तुझे ढूंढ ने मै तुझमें ही मगरुर रहूंगा…

Related Posts