मानसिकता जो तुम्हारी जिंदगी बना सकती है…
हमारी मानसिकता हमेशा अच्छी ही हो ऐसे नहीं होता. मगर कम से कम उसे सकारात्मक रखने की कोशीश करनी चाहिए. हमारे पास हमेशा दो तरह के दृष्टिकोण होने चाहिए वाद-विवाद के साथ. अगर तुम खुद से उस समस्या के बारे में बात करते हो तो अक्सर हमे कई रास्ते मिल जाते है. असल में तुम्हे सही राह चुन लेनी चाहिए. अगर नहीं तो वही पुरानी राह चुन चुन कर परेशान हो जाओगे.
हा पता है इस सब से तकलीफ होती है और फिर परेशानी में आकर हम ग़लत फैसला ले लेते है. दोबारा वही दिमाग को तकलीफ, उस से बेहतर है के सोच समझ कर शांत स्वभाव से फैसला ले. वैसे तो मन को शांत रखना चाहिए ऐसे मौके पर. उसको हक़ीक़त की पहचान होनी चाहिए ना की झूठी आस.
आशा रखनी चाहिए नहीं रखो ऐसी बात नहीं, मगर वो सिर्फ दिखावा हो ये तो सही बात नहीं. क्योंकि वहां तुम चीज़ों से और अपनों से आशा करते रहोगे और अपनीही धुन में रहोगे. जिस वजेसे तुम्हे तकलीफ हो सकती है. क्योंकि अचानक आप कल्पना से हक़ीक़त में आओगे तो संभालना आसान नहीं होता. और किसीको भी ऐसे पल में रहना नहीं अच्छा लगता. सबको आसानी से समस्याओं का समाधान चाहिए होता है मगर हर बार ऐसे हो ये तो मुमकिन नहीं है. इसीलिए तो हमे हर एक चीज़ के लिए तैयार रहना चाहिए.
हर एक परिस्थिती अपने ही आप में अलग होती है. कोई भी शुरुवात से सामर्थ्यवान नहीं होता मगर आखिरकार सब हो ही जाते है ज़िंदगी के मोड़ पर. हमारे जिंदगी में कई समस्याएं आती है और वो हमे कई चीज़ें सिखाती है और इस राह पर चलते हुए सिखाती ही जाती है.
जिंदगी में हम बहोत सी चीज़े सिखाती है मगर वो हम स्वीकार नहीं करते. अगर हम वो स्वीकार ले तो जिंदगी आसान हो सकती है. फिर हमे ज्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं होगी. वैसे भी ज्यादा सोचना सेहत के लिए ठीक नहीं होता. सकारात्मक मानसिकता की ओर अपना ध्यान रखे उसके चलते अपने बेहतर भविष्य की और हम चल सकते है.