शब
शब बसर करे तो कहां करे
@UgtWorld
ये रात बितें तो कैसे बितें
ज़िंदगी है ज़ख्म की दवा
ये वक्त भला कैसे बीतें..
नहीं है जरूरत ना ख्वाहिश
सुकून की पनाह मिले ये गुंजाइश
ये रेहगुजर नापसंद है ऐसा नहीं है
ये राबतों के संग सही से ना बितें..
बंजर है ये गुलिस्तां
जिसे हम कहते है घर अपना
ये एक दूसरे को नहीं देखा जाता
कैसा है ये बचपना,
मीठी थी बोली, मीठी थी जो ज़ुबान
ये बातें ना अरसों से बितें
ये रातें ना चाह से बितें…
तू
लफ्ज़ है तेरा चेहरा
@UgtWorld
अल्फ़ाज़ है तेरी आंखें
ये जो कलम है ना मेरी
है तेरे होठों जैसे..
तू एक किस्सा बन जा
मेरी कहानी का किरदार बन जा
मशहूर तो पहले से है तू
अब एक मिसाल-ए-दौर बन जा..
ओस की बूंद को लिपट लू जैसे
मेरे अशारों में झलक जा
मिसरों में इश्क तेरे एहसास का
तू इश्क की कहकशा बन जा..
समेत लूंगा हर एक मतलब को
तेरी तस्वीर दूंगा हर एक हर्फ को
तू शक्स थी ना मेरे ज़ेहन में बसी हुई
अब के पल तू एक रूह बन जा…
अपने आप में
चलो ये भी सही है
@UgtWorld
गुम रहो अपने आप में
ना कोई परवाह ना कोई खता
सिर्फ सुकून अपने आप में..
बेचैन दिल की गूंज सुनो
बेबसी की धुन सुनो
ख़ामोश रेह सको तो कोशिश करो
या फिर दिल से रूबरू हो जाओ अपने आप में..
खफा ना रहो फिलहाल तो
बा-वफ़ा खुद से रहो ज़रा तो
फ़िक्र को कहो किसी और दिन मिलो
इस वक्त खुश रहना है मुझको अपने आप में…