जिंदगी के जज़्बातों पर लिखे लघु लेख
हिंदी लघु-लेख. जहां जिंदगी है वहां जज्बात जरूर होते है. और जहां जज्बात है वहां खुद-ब-खुद बयां हो ही जाते है. कुछ बोलकर खुद को बयां करते हैं, तो कुछ रोकर खुलके सांस ले पाते हैं. लेकिन कुछ लोग इन एहसासों को लफ्जों में बदलकर खुदको बयां करते हैं. ये हिंदी लघु-लेख इसी बात का उदाहरण है.
हम जिंदगी में बहुत सी चीजें देखते हैं. कुछ महसूस करते हैं, कुछ भूल जाते हैं, कुछ भूलने की कोशिश करते हैं. हालांकि, अपने जिंदगी के पल हम दूर नहीं जाने देते. भले ही हम उसे कितना भी दूर क्यों ना करें. इन यादों में हम क्या चाहते है और क्या नही ये सभी चीजें होती है. ज्यादातर हम उन यादों को सही जगह पर रखने में सफल हो जाते है. बात यह है कि अच्छे समय में अच्छी यादें अपने साथ रखें. ताकि अगर ही हम दुखी क्यों न हों, हम अच्छी चीजों को याद कर सकते हैं.
ये हिंदी लघु-लेख एक ऐसी चीज है जिसके लिए ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती. अपने जज्बात चंद लफ्जों में बयां किये जा सकता है बड़े आसानी से. यहां ना तो लफ्जों को कोई पाबंदी है और ना ही किसी तरह की चीजों के दबाव. जैसे “ये ऐसा ही लिखना है ये वैसा ही लिखना है.” लिखावट एक ऐसी चीज है, जिसकी वजह से आप बेहतर बयां हो सकते हो. बस यहां शर्त एक ही होती है कि आपका लिखना बेमतलब नहीं होना चाहिए.
इस हिंदी लघु-लेख में आपको ऐसी कई किस्से और जिंदगी के कुछ एहसास मिलेंगे. और हम आशा करते हैं कि वो सब आपके जिंदगी में गति बनाए रखने में आपकी मदद करेंगे. आपका कीमती वक्त यहां पर देने के लिए बहोत शुक्रिया. और हमें यकीन है कि ये हिंदी लघु-लेख पढ़कर आपका समय अच्छा गुजरेगा.