अतीत में ख़ाक हुए पल!
पल जो रिश्तों में पछतावा दर्शाते है…
कुछ लोग उनके अतीत के पलों की फ़िक्र करते है. जिंदगी ऐसी ही होती है की इन चीजों को जान बुझ के अपने मन में छुपाते है. उस राह पर हम फिर से ना जाने पाए इस वजह से. कुदरत उस चीज हमारी जिंदगी में तब तक लाते रहती है जब तक हम उस में से कुछ सिख ना ले. हम बहोत बार असफल होते है मगर उस के पीछे भी कोई वजह ज़रूर होगी.
असफल होने का डर और उसका बढ़ता प्रभाव कभी कबार जान लेवा हो जाता है. जितना हम दर्शाए के हम ठीक है उतनी ज्यादा तकलीफ हमे सहन करनी पड़ती है. स्वीकार करना आसान नहीं होता मगर यही इस पर का मरहम हो सकता है. जो है यही है और ऐसेही है. इस पर का सन्नाटा छोडो और आगे बढ़ने की तैयारी करो.
सब हम पर ही निर्भर होता है. लाजमी है ये सब तुरंत नहीं होगा. ये एक प्रक्रिया है जो होती रहेगी जिंदगी के चलते प्रवाह के साथ. शायद आगे जाकर इस से भी मुश्किल हो सकती है. पर इस से बाहर जाकर खुद को कम ना समझकर जिंदगी की राह पर चलते जाना है. आखिर कार फैसला तो अपने हाथ में ही होता है. एक बार हम अगर उस अतीत के पछतावे से दूर चले जाए तो हम आजाद हो जाएंगे अगली सीढ़ी चढ़ने को जिंदगी की.