उम्मीद की डोर हमेशा गलत इंसानों की वजह से टूटती है
मदत की उम्मीद सिर्फ खुदसे हो तो ही पूरी होती है
उँगलियों पर गिन सको इतने ही दोस्त हो तो बेहतर है, दिखावे का बाजार क्यों चाहिए
मन में दबी हुई बातें वक़्त पर निकाल देना अच्छा है
वक़्त को पाबंदी नहीं होती, मगर चीज़ों को वक़्त की पाबंदी दी जाती है