काश!

फैसला लेना आसान होता

अपना यकीन चढ़ा देता सूली पर

लिख दूंगा करोड़ों बातें

तुम पढ़ कर थक जाओगे

कलम तो ना थकेंगी मेरी

तुम्हारे खयाल उलझ जाएंगे

ये वो जवाब है

जिसका कोई मतलब नही होगा

मगर इसका जो आगाज होगा

वो जरासा अलग होगा

बाकी है जो भी

बेहतरीन मालूम होता है

फिर भी संभाला नही जा रहा

शायद दिल भी शामिल लगता है

बेखबर होना बेफिकर रहना

ऐसा ही अच्छा होता

क्यों समज लेकर समझदार हुए

अब खुदको पड़ता है संभालना


Related Posts