बहो तुम पानी सा एक तरफा
आग तो बस धुँआ हो जाती है
बर्बाद तो दोनों भी करते है एक मोड़ पर
किसी एक के साथ तकदीर
ज़रूर बदल जाती है…
सूझना भी चाहिए
लिखने आना भी चाहिए
हर बार सही हो वो
ऐसा होना भी जायज़ नहीं है…
खुशी की बात पर अटक जाता हूं मै
अक्सर सोच में पड़ जाता हूं मै
क्या हुआ कोई बताए मुझको वो बात
जिस बात को हर बार ठुकराता हूं मैं.
जहन का अंत अब
और दिल का शोर शुरू
अजब लड़ाई है ये
जंग ख़तम मगर जंग शुरू…
मसले मिलने लगे
कुछ इस कदर गले
मानो अरसों से उनकी
बाहें हमारे लिए ही थी…

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