संभल जाओ तुम
हर उस मायूसी के जाल से
जो बुना जाता है अक्सर
खिलाफ तुम्हारे बिना आवाज के…
आदत कर लो अपनी
सोच को काबू में करने की
कुछ लम्हें, कुछ किस्से
बदल नहीं सकते जिंदगी…
हौसला बढ़े जब
अपने हाेशो- हवास में
कर लेनी चाहिए कोशिशें
होती है मंजिले पूरी
अक्सर ऐसे जज्बातों में…
अपनी बुलंदी को कर ऊंचा
जिद को अपनी हथेली बना
एक वक्त रोक ले खुदको
नाकामी से ना अपना सर झुका…
कामयाबी है, जुड़ी है
अपनी मेहनत के किस्सों से
ठोकरें लाख आए सामने
सामना करना डटकर उन सबसे…

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