एक वादा कर के चले गए
एक वादा निभाने रह गए,
जो भी था दोनो के भीतर
बस अब किस्से बन रह गए…

एहसास है कुछ अनकहे
जो बताना भी किसी को गलत होगा मेरा!
कहना तो बहोत होता है
मगर वक़्त शायद जाया होगा मेरा…

किसी और के भरोसे
कब तक जिओगे
एक वक़्त के बाद
तुम खुद ही सब करने लगोगे…

ग़लतफहमी हैं
मज़बूरी के साथ ही
कहाँ जाए बेकाबू खयाल
कहाँ जाए दिल के हाल…

जाना होगा दूर काफी
मुझे परेशानी कम करनी है
सफर तो शुरू हो गया है
मंजिल तय करनी है…

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