सब अधूरा रह जाता है…

इस एक पल में सब बिखर जाता है!

सब अधूरा रह जाता है...

जब जब कोई बात छूट जाती है तब हमें तकलीफ होती है. क्योंकि हम सब्र के आदि नहीं रख पाते खुदको. मगर जब बात किसी शक़्स की आए तब ज्यादा दर्द होता है. जब वो हमारी ज़िंदगी से दूर चले जाता है जैसे कभी लौट के ना आए. उस वक़्त हर वो याद ताज़ा हो जाती है जो उसके साथ जुडी हो. मगर वो सब सिर्फ याद और गुजरा हुआ वक़्त कहलाता है.

हमारे भीतर कुछ एहसास काफी अरसे से रहते है, बस किसीके याद दिलाने की देरी होती है. और फिर हम निकल पड़ते है उस राह पर बिना किसी देरी के. हर कोई कहता पिछली बातें निकल दो ज़हन से और आगे बढ़ चलो. मगर वक़्त नहीं मिला उस चीज को उसके हिस्से का! तब वो या तो पूरी तरह निकल जाती है. या फिर वही रह जाती है एक अलमारी बनकर. ताकी जब जब मौका मिले तब वो अपने आप खुल जाए.

रिश्तों यादों को वक़्त उसी हद तक देना होता है जिस हद तक वो संभाले जा सकते है. वरना साथ रहने से लेकर आने वाली यादें भी अधूरी रह जाती है. फासला होना शुरू हो जाता है. किस्से बनने शुरू हो जाते है जो अक्सर पुरे नहीं होते. या तो दूरियाँ आने लगती है या वो शक़्स हमेशा के लिए हमारी ज़िंदगी और हमारी इस दुनिया को छोड़ कर चला जाता है.

@UgtWorld

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