क्या मिला मासूम दिल तोड़ के मेरा
सिर्फ बहुआ मिली होगी यही सोचा ना!
हम तो दुश्मन को भी दुआ देते है
तू तो इश्क़ है तुझे भी दुआ ही देंगे ना..
क्यूं होते है खून के रिश्ते
जिनका ना होना
ज्यादा बेहतर होता है
हर बार नासमझ सी
बरताव सबसे घिनौना रहता है…
ना कोई है
मेरा इस वक्त यहां
ना चाहिए कोई
मेरे लिए यहां…
टूट गया है दिल
बेजार है अब
तू अश्क बनके निकली है
मगर दिल से नहीं गई..
कितना आसानी से
छोड़ा है तुमने मुझको
और कहते हो,
इल्जाम ना लगाना खुदपर
कोई मिला तो भी कहते है
यार आजाद किया है उसको
प्यार जो था उसपर….

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