रोया है दिल
जेहन भी खामोश था
कहे क्या अब
आसू सब जो कह गया था…
छोड़कर हमे चले हो यू तुम
मुड़के भी ना देखा
क्या थी बात दिल में
क्या थी मेरी खता…
जहन से निकाल दूं तुझे
निकाल दिया मैंने चल
तू अब बात करती है मुझसे
मुझको वजह बता चल…
काश ये बात तू समझ ले
तू है सही शख्स
नहीं बनाया जा सकता
किसी और को मेरा
यही है वो सच…
मर्ज की दवा ना दे पाए तुम
सिर्फ दुख का तकाज़ा दे गए
और तो बचता ही क्या है हमारे पास
सारी बातें तो अपनी तरफ कर गए…

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