साथ मेरे तेरा एहसास क्यूं है
वक्त मेरे नहीं, तेरे साथ क्यूं है
बड़ी तकलीफ़ है मुझे इस वक्त
ये लफ्ज़ मेरे पास क्यूं है…
दिल और दिमाग सब अफ़वाह है
ये यादें उनकी कैद में है यहां
कैसे जी पायेंगे उनके बिना दोनों भी
वो तो उनके बिना अपाहिज़ है यहां…
हम कुछ कह नहीं सकते थे
हम तो गलत है
आप तो सही थे
आप ही हमें समझा देते…
बहुत कुछ लिख चुका हूं
सोचना कम कर दिया है
निकलती नहीं ज़हन से मेरे तू क्यूं
ये कौनसी बात ने रोका है…
लफ़्ज़ों के मायने अलग
रिश्तों के मायने अलग
तेरा मेरा साथ रहेगा ना!
ये कहना हम दोनों
की तरफ से है अलग, अलग…

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