है फिकर कुछ और
मतलब कहा समझाऊ अब
ये मसला है सामनेइस को क्या बतलाऊ अब…
घिन आने लगी अपनों पर
कुछ इस तरह
जैसे कोई ज़ख्म हो गया हो हरा…
फर्जी होगा प्यार
अबकी जनरेशन का,
वरना इतने कम वक़्त में
दूसरी मोहब्बत कैसे कर लेते हैं…
एक केहर है मन में
गर्दिश लिए रखा है
ना कुछ कहे, ना कुछ जताए
बस बेसबर होके बैठा है…
मामूली भी नहीं इतना की
तेरी फिकर ना पूछ सकु
उसुलों ने रोका है
वरना खबर लेना हमे भी आता है…
Nice Lines
Thank you for your feedback…