सच्ची में ईमान होती है ये यारी, दुखड़ों का हसीन सरताज होती है यारी

जिंदगी में यार और यारी बहुत मिलती है लेकिन कोई एक ही जिंदगी भर के लिए भटके मुसाफिर का जाना-अंजानासा रास्ता बन जाता है तो कुछ जिंदगी को सही रास्ते लगाता हैं।
सांस से बन जाते है कुछ अंजाने, और सांसो की खासियत यही है कि सांस कभी रुकती नही। जो मरते दम तक जान को जिंदा रखती है। उनके साथ बिताए पल किसी नशे से कम नहीं होते। हर तरह से दोस्ती को देख लिया, परख लिया थोड़ा बहुत जी भी लिया फिर पता चला की दोस्ती एक ऐसा नशा जो जान नही लेता सिर्फ जान लुटाता है।
प्यार में अक्सर लोग जान देने के वादें करते है, लेकिन दोस्ती में जान बचाने के भी वादें किये जाते है। क्यों इतनी अज़ीज़ होती है ये यारी? इस सवाल पर सोचने के बाद दिल से एक ही आवाज आयी कि मेरे ये दोस्त दिल से मेरे है। शायद इसीलिए हर वक्त ये दोस्ती भी हमे जान से प्यारी लगती है। किसी कातिब ने बहुत खूब लिखा है कि “यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी”
सच्ची में ईमान होती है ये यारी, दुखड़ों का हसीन सरताज होती है यारी, तो चुप रहकर अंजाने से आँख पढ़ने वाली थोड़ी आखों में झलकती है ये यारी, किसी शायर के कलम की सियाही होती है यारी जो इक मिलान से ‘पल’ लिखती हैं लेकिन उन्हें मिटाया नही जाता।

बहुत कुछ होती है यारी बस ये चुनिंदा लफ्जों में आसानी से समाई नही जाती है ये इसीलिए शायद हर वक्त किसी की लिखावट में अधूरी लगती है, लेकिन फिर भी कोशिश की है मैंने मेरे उन दोस्तों के लिए कुछ लिखने की ….
कौन अंजाने में कयामत लाये
कौन जिंदगी भर के लिए आंसू,
थोड़ीसी ही सही कोई खुशियां भी लाये
फिर मुस्कुराहट वाकई हो जाये बेकाबू
हंसना सिखा परायों से भी
पल में उनको अपना बनाया,
उन अपनों की तो बात ही अलग थी
हर वक्त पलों का समंदर बहाया
कभी आये बिन वजह बादल आंसुओं के
कभी अकेले में गुमसुम सा हो जाऊं,
आंसू छिपा देंगे जो खुद गरज के
शायद उन्हें में दोस्त कहलाऊँशायद इसे में दोस्ती कहलाऊँ
-शायAr
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